अध्यात्म जीवन का सत्य है, यह जीवन का द्रष्टिकोण है, अध्यात्म जीवन जीना है| हमारा स्वाभाव आध्यात्मिक बने, हमारे समस्त व्यवहारों में आध्यात्मिकता प्रकट हो यह साधना का विषय है| अध्यात्म एक ऐसा विषय है, जिसका शिक्षण नहीं होता| यह तो सहज प्रस्फुटिल होता है| धर्मचारी, नैतिक भावना एवं उपयुक्त वातावरण में अध्यात्मिक विकास की सम्भावना निहित होती है| परन्तु वर्तमान समय में विज्ञान ने अध्यात्म की जड़े लगभग उखाड़ कर फेंक दी है तभी तो हम भारतीय मूल्यों के प्रति उदासीन एवं पाश्चात्य सभ्यता के प्रति आकर्षित है| डॉ. राधाकृष्णन ने कहा है की आधुनिक मानव ने पक्षी की तरह आकाश में उड़ना सीख लिया है, सागर में मछली की तरह तैरना सीख लिया है लेकिन पृथ्वी पर मनुष्य की भांति चलना भूल गया| अतः आज आवश्यकता इस बात की है की हमारी शिक्षा का आयोजन इस प्रकार हो जिसमे मनुष्यता, राष्ट्रीयता, विवेकशील, चरित्र, आत्मानुशासन, स्वाभिमान एवं स्वावलम्बन के गुण हो, अतीत की श्रेष्ठ परम्पराएँ एवं वर्तमान के श्रेष्ठ तत्वों का समावेश हो ताकि हमारा भविष्य विज्ञान और आध्यात्मिकता के समन्वय पर आधारित हो जिसमे एक और जहाँ शिक्षा अपना सम्बन्ध उत्पादकता से जोड़ो वही दूसरी और शाश्वत एवं तात्कालिक मूल्यों के विकास में सहायक हो| प्रस्तुत मोनोग्राफ में लेखिका ने आध्यात्मिक बुद्धि का उदभव, सम्प्रत्यय एवं भारतीय तथा पाश्च्यत द्रष्टिकोण से आध्यात्मिक बुद्धि पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है|

आध्यात्मिक बुद्धि
Spiritual Intelligence (Hindi)
₹85.00
ISBN | 9788179063989 |
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Name of Authors | Dr. Sunita Murdia |
Name of Authors (Hindi) | डॉ. सुनीता मुर्डिया |
Edition | 1st |
Book Type | Paper Back |
Year | 2019 |
Pages | 54 |
Language | Hindi |
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