समाजशास्त्र विषय में सामाजिक परिवर्तन की अवधारणा का स्थान अत्यन्त ही महत्वपूर्ण है| बिना परिवर्तन के समाज की कल्पना काना असंभव है| धरती पर मानव के जन्म व उसके समूह में निवास प्रारंभ करने के साथ – साथ मानव जीवन व समाज में परिवर्तन पारंभ हो गया| वर्तमान समाज पर यदि द्रष्टिपात करें तो यह प्रारम्भिक समाज से लेकर वर्तमान से लेकर वर्तमान तक हुए परिवर्तनों का साक्षी है| प्रस्तुत पुस्तक सामाजिक परिवर्तन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डालती है| सामाजिक परिवर्तन के विविध पहलुओं को सरलता से समेटती यह पुस्तक समाजशास्त्र विषय के स्नातकोत्तर व स्नातक विद्यार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी|
सामाजिक परिवर्तन (परिप्रेक्ष्य एवं मुद्दे )
Social Change (Perspectives And Issues) (Hindi)
₹325.00
ISBN | 9788179068823 |
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Name of Authors | Kanchan Paneri, Puran Mal Yadav |
Name of Authors (Hindi) | कंचन पानेरी, पूरण मल यादव |
Edition | 1st |
Book Type | Paper Back |
Year | 2021 |
Pages | 198 |
डॉ. कंचन पानेरी, समाजशात्र विभाग, विद्या भवन रुरल इंस्टीट्यूट उदयपुर में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत, पोस्ट डोक्टरल फैलो (भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली), महिला संबंधी अध्ययनों में विशेष रूचिम 10 शोधपत्रों व एक पुस्तक का प्रकाशन| परीक्षा उत्तीर्ण, एम.ए., स्वर्ण पदक, एम.फिल., स्वर्ण पदक प्राप्त डॉ. पानेरी 2011 से अध्यापन कार्य से जुडी है| प्रो. (डॉ.) पूरण मल यादव, विभागध्यक्ष, समाजशास्त्र विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, निदेशक, जनसंख्या अध्ययन केन्द्र, भारत सरकार, छात्र कल्याण अधिष्ठता, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पद पर कार्यरत हैं| 32 अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त प्रो. यादव 21 वर्षों से अध्यापन व शोधकर्ता से जुड़े हैं व कई पी.एच.डी. व पी.डी.एफ. शोधार्थियों के शोध निर्देशक हैं| 47 सेमिनार व कॉन्फ्रेंस में शोधपत्रों का वाचन व 25 रिसर्च प्रोजेक्ट, रिसर्च स्टडीज व सर्वे रिपोर्टर्स में अपना योगदान डे चुके प्रो. यादव की शोध व लेखन में विशेष रूचि है|
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