जब भी प्रागैतिहासिक काल की वार्ता अथवा किसी प्रकार का संबंधित कोई तथ्य सम्मुख आता है तो आदिमानव का एक शिकार शिकार करता हुआ, भटकता हुआ द्रश्य सामने आता है| तत्पश्चायत हम आज के मानव को देखते हुये यह सोचते है कि हम कितने विकसित हो गये हैं अथवा आज हम कहां खड़े हैं| इस पुस्तक में आज से लगभग 5 लाख वर्ष पूर्व के मानव से लेखर छठी सदी ईसा ओउर्व के राजस्थान (विशेषकर उत्तर - पूर्वी राजस्थान के क्षेत्र) पर प्रकाश डाला गया है| तत्कालीन संस्कृति एवं सभ्यता की कड़ियों को जोड़ने का उपक्रम इस पुस्तक में किया गया है| राजस्थान में हालाकिं इस प्रकार के शोधपरक कार्य अपेक्षाकृत कम हुए है, लेखिन इस प्रकार के शोध कार्यों ने राज्य के तत्कालीन स्वरुप पर विशेष प्रकाश डाला है| प्रस्तुत पुस्तक में प्रागैतिहासिक कालीन मानव के उपकरणों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए, ताम्र युग में प्रवेश करते हुये लौह युग के आरभ एवं इतिहास काल के समय पर प्रकाश डाला गया है| साथ जी मानव तत्कालीन में प्रकृति पर कितना अधिवासित रहा वो भी स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है| वास्तव में यह पुस्तक राजस्थान में शोधार्थियों को द्रष्टिगत रखते हुए लिखी गयी है| यह पुस्तक शोधार्थियों, पुराविदियों एवं इतिहासकारों व प्रागैतिहासिक राजस्थान के बारे में जाने वाले पर्यटकों हेतु अत्यधिक सहायक होगी, ऐसी कामना करता हूँ|
उत्तर-पूर्बी राजस्थान क्षेत्र का प्रागैतिहासिक एवं आद्यैतिहासिक सांस्कृतिक अनुसंधान
Prehistoric And Historical Research Of North-East Rajasthan Region (Hindi)
₹1,595.00
ISBN | 9788179067604 |
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Name of Authors | Dr. Vineet Godhal |
Name of Authors (Hindi) | डॉ. विनीत गोधल |
Edition | 1st |
Book Type | Hard Back |
Year | 2018 |
Pages | 684 |
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