स्वतन्त्रता काल में वागड़ क्षेत्र संसाधनो से रिक्त क्षेत्र था, लेकिन मेवाड़ एवं गुजरात के निकट होने के कारण राजनीतिक घटनाक्रमों का प्रभाव वागड़ क्षेत्र में भी पड़ा| विशेषत: महात्मा गाँधी, वर्धा, सेवाश्रम आदि क्षेत्रो की निकटता के कारण वागड़ के स्वतन्त्रता सेनानी गाँधी विचारधाराओं से प्रभावित रहे| राष्ट्रीय आन्दोलन के कारण स्वतन्त्रता सेनानी धुलजी भाई भावसार ने महात्मा गाँधी को आदर्श मान, आदिवासियों एवं दलितों में रचनात्मक कार्यो द्वारा जन-जागरण का कार्य किया और रियासती शासकों एवं अंग्रेजों के खिलाफ जनमत तैयार कर राष्ट्रीय आन्दोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया| प्रस्तुत पुस्तक में स्वतन्त्रता सेनानी धुलजी भाई भावसार के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का बोध कराया है, साथ ही प्रजामंडल आन्दोलन एवं आजादी के बाद की भूमिका की जानकारी दी है|

स्वतंत्रता सेनानी श्री धूलजी भाई भावसार
Freedom Fighter Mr. Dhulji Bhai Bhavsar (Hindi)
₹85.00
ISBN | 9788179063866 |
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Name of Authors | Dr. Hemendra Choudhary |
Name of Authors (Hindi) | डॉ. हेमेन्द्र चौधरी |
Edition | 1st |
Book Type | Paper Back |
Year | 2019 |
Pages | 40 |
Language | Hindi |
उदयपुर में जन्में डॉ. हेमेद्र चौधरी ने एम.ए.इतिहास में जनार्दन राय नगर राजस्थान विघ्यापीत विश्विद्यालयसे गोल्ड मेडल प्राप्त किया| आपने 'दक्षिणी' राजपूताना की जनजागृति में प्रजामंडलो का योगदान' विषय पर पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की| डॉ. चौधरी विगत सौलह वर्षो से माणिक्य लाल वर्मा स्नातकोत्तर श्रमजीवी महाविद्यालय के इतिहास विभाग में अध्यापन कार्य कर रहे है| आपने "राजपूताना में प्रजामंडल आन्दोलन" पर एक पुस्तक का लेखन किया है| आपने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक, राष्ट्रीय स्तर पर तीस तथा राज्य स्तरीय अनेक शोध पत्रों का वाचन किया है| आपके स्तरीय शोध पत्रिकाओं में लगभग बीस शोध लेख प्रकाशित है| आपने पुरातात्तिव्क स्थल ईसवाल व नठारा की पाल के उत्खनन कार्य में सक्रिय भागीदारी निभाई| सम्प्रति महाविद्यालय में अध्यापन के साथ शोध कार्य में संलग्न है|
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