संवेग मनुष्य क्र जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखते है| सभी मनुष्य संवेग महसूस भी करते है और उसका परिस्थिति अनुरूप प्रदर्शन भी करते है|कोई इसका प्रदर्शन तीव्रता से करता है तो कोई धीरे से, कई लोग संवेगों का दमन भी करते हैं| ऐसी परिस्थितियों में कई बार सकारात्मक परिणाम सामने आते है तो कई बार नकारात्मक| किस परिस्थिति में कैसा व्यवहार करना, कौन से संवेगों को उजागर करना ओत किनका दमन, जिससे सकारात्मक परिणाम ही सामने आए, ऐसा आसन नहीं हैं, किन्तु संवेगात्मक बुद्धि के उपयोग द्वारा कुछ सीमा तक सकारात्मक परिणाम एवं परिस्थितियां उत्पन्न करना संभव हो सकता है| मेरा मानना है की मनुष्य की प्रगति की राह में जो वेग को वेग ही रखता है कभी इस तरफ मोड़ता है कभी उस तरफ, लहरें चलती जाती है यहाँ या यहाँ, भवर में फंसती है या उभरती है, उसे नियति का नाम देकर मनुष्य उसमे संतोष यस असंतोष करके बैठ जाता है और जो कुछ होता है उसे बिना सोचे समझे चलाता जाता है परिणाम सही या गलत हो उसे गले लगाता रहता है किनती संवेगात्मक बुद्धि का उपयोग करके मनुष्य अपने जीवन को सही परिणाम की और ले जा सकता है और जीकें को अधिक उपयोगी एवं सक्षम बना सकता है|
संवेगात्मक बुद्धि
Emotional Intelligence (Hindi)
₹75.00
ISBN | 9788179063880 |
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Name of Authors | Dr. Ami Rathore |
Name of Authors (Hindi) | डॉ. एमी राठौर |
Edition | 1st |
Book Type | Paper Back |
Year | 2014 |
Pages | 54 |
Language | Hindi |
डॉ. अमी राठौर, जनार्दन राय नागर राजस्थान विध्याप्पीत विश्विध्लाया के संघटन लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत है|आपने एम.एड. एवं शिक्षा में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की है| आपने स्व नियंत्रित छात्रों की संवेगात्मक बुद्धि पर शोध किया है| आपके द्वारा रचित लेख विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके है| डॉ. राठौर ने अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित सेमिनार एवं कोंन्फ्रेंस में पत्र वाचन किया है| आपके मार्गदर्शन में 5 शोधार्थी शोध कार्य कर रहे है| आपने कई प्रयोजनाओ में कार्य कर उन्हें सफलता पूर्वक सम्पन्न किया है| इस प्रकार आप एक कुशल शिक्षक एवं अनुसंधानकर्ता के रूप में अपना कार्य कर रही है|
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