शिक्षा सांस्कृतिक विकास का महत्वपूर्ण साधन है| शिक्षा को समुचित स्थान देकर ही देश का सामाजिक व् आर्थिक विकास संभव हो सकता है| राजस्थान में शिक्षा का प्रचार-प्रसार किसी ना किसी रूप में यहाँ विद्यमान रहा| बीसवी सदी के प्रारंभ में यहां शिक्षा को राज्य संरक्षण मिलना प्रारंभ हुआ| “बीसवीं शताब्दी में शिक्षा का विकास (डुंगरपुर जिले के विशेष संदर्भ में”) विषय पर अभी तक कोई ऐसी पुस्तक उपलब्द नहीं है जो कि समग्र रूप में डुंगरपुर के शिक्षा के विकास पर जानकारी प्रदान कर सके| इस विषय से संबंधित अभी तक किये गए प्रयासों, शिक्षा में इस क्षेत्र के पीछडे होने के कारणों व् शिक्षा के विकास के लिए किये गए कार्यों को जानने का अभाव सा दिखलाई देता है| इसी द्रष्टिकोण से प्रेरित होकर इस पुस्तक को प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया है| यह पुस्तक विद्यार्थियों, अनुसंधानकर्ताओ, शिक्षकों, संस्थाओं एवं सामान्य पाठकों कि उपयोगिताओं को ध्यान में रखकर लिखी गई है| इसमे बीसवीं शताब्दी से पूर्व डुंगरपुर में शिक्षा की स्थिति, पीछडेपन के कारणों एवं बीसवीं शताब्दी में शिक्षा के विकास में सहयोग करने वाले व्यक्तियों, संस्थाओं, आयोगों एवं विभागों द्वारा किये गए कार्यों का विस्तृत वर्णन किया गया है|
बीसवीं शताब्दी में शिक्षा का विकास (डूंगरपुर के विशेष सन्दर्भ में)
Development Of Education In The Twentieth Century (In Special Reference To Dungarpur) (Hindi)
₹495.00
ISBN | 9788179067796 |
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Name of Authors | Dr. Nimesh Kumar Choubisa |
Name of Authors (Hindi) | डॉ. निमेश कुमार चौबीसा |
Edition | 1st |
Book Type | Hard Back |
Year | 2019 |
Pages | 215 |
1) नाम : डॉ. निमेष कुमार चौबीसा 2) जन्म : 12.4.1972 ई. 3) शिक्षा : बी.एस.सी., एम.ए. (इतिहास), नेट, पी.एच.डी. 4) वर्तमान पद: सहायक आचार्य, एस.बी.पी. राजकीय महाविद्यालय, डुंगरपुर 5) अनुभव : राजकीय सेवा में विगत 24 वर्षों से अध्यापन का कार्य 6) शोध पत्र : 5 प्रकाशित
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