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दरकते रिश्ते

Cracking Relationship (Hindi)

175.00

ISBN: 9788179064467
Categories:
ISBN 9788179064467
Name of Authors Dr. Vidya Paliwal
Name of Authors (Hindi) डॉ. विद्या पालीवाल
Edition 1st
Book Type Hard Back
Year 2014
Pages 119
Language Hindi

शुद्ध और सार्थक साहित्य की चर्चा जब भी होती है, डॉ.विघा पालीवाल का नाम उभर कर सामने आता है| विघा दीदी के मधुर गीत जहा जीवन द्रष्टि और सामाजिक- मानवीय बोध की संवेदनशील अभिव्यक्ति का भाव बोध करवाते है| वही उनकी कहानिया कलाद्रष्टिगत अनुभव- अनुभूतियो की संवेदना से तपी तपाई नजर आती है| अपनी सूक्ष्म रचनाद्रष्टि से रची गई ये कहानिया भाषा चेतना के साथ भाव तथा कला को जीवंतकरती चलती है| जीवन के बदलते मानवीय-मूल्यों का खुलासा करती ये कहानिया न तो परम्परा को पूर्णतया नकारती है न नवीनता को पूर्णतया आत्मसात करती है, ये तो यथार्थ स्थितियों में न्याय की तुला पर घटनाओ को तैलती सी लगती है| इन कहानियो का परिवेश तथा पात्र आपनी समकालीन परिस्थितियों के अनुसार ढलती हुई मानव जीवन की पड़ताल करती है| मानवीय संवेदनाओ का सूक्ष्म अध्ययन अगर डॉ.विघा दीदी की रचनाओ में किया जाए तो लेखिका के मन्तव्य को समझने तथा उनके व्यक्तित्व को परखने का एक सुखद अहसास अनुभूत किया जा सकता है| उनके लेखकीय जीवन को स्वर्गीय श्री रजनीकांत जी पालीवाल ने न केवल जीवन साथी होने के करण समझा, सहेजा-सवार, बल्कि एक सच्चे ह्रदय स्पर्शी मित्र की भांति पग पग पर उन्हें साथ दिया, और यहाँ तक की अपने भौतिक स्वरुप के अवसान पश्चात् की व्यवस्थाए भी करके गये| ये कहानिया हर पाठक के मन को झकझोरती रहेगी और उन्हें संकल्पबद्ध होकर अपने कर्तव्य-पथ पर अग्रसर होने को प्रेरित करेगी| जीवन मूल्यों के प्रति सकारात्मक सोच को दृढ करने में सहायक होगी|

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