लेखांकन एवं लेखाकार्य का अंकेक्षण व्यवसाय की वित्तीय कुशलता को मापने के साधन के रूप में प्राचीनकाल से ही प्रचलित है| प्रस्तुत पुस्तक लागत लेखांकन तथा अंकेक्षण के सम्बन्ध में नवीन विधियों के प्रयोग को बताती है| भारत में अंकेक्षण कोई नवीन विधि नहीं है, किन्तु भारतीय संदर्भ में अंकेक्षण विधि की उपादेयता तथा प्रयोगों की सार्थकता पर उठने वाले प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास मेरे द्वारा इस पुस्तक में माध्यम से किया गया है| इस पुस्तक में अंकेक्षण की विभिन्न विधियों एवं तकनीकों के ऐतिहासिक प्रारूप को नवीन व्यावसायिक प्रबन्ध की द्रष्टि से सरल रूप में प्रस्तुत किया गया है| अंकेक्षण की आव्ध्यक्ताओं का ध्यान रखते हुए न केवल प्रारूप बल्कि कम्पनियों द्वारा बनवाई गई रिपोर्टर को भी इसमे सम्मिलित किया गया है| इस पुस्तक में अंकेक्षण के नवीन पहलुओं, जैसे कुशलता, निपुर्णता, लागत/परिवेश, अन्वेषणात्मक लेखांकन, मानव संसाधन अंकेक्षण तथा कम्प्युट्रिकृत परिवेश में अंकेक्षण विधियों को बताया गया है| यह पुस्तक निश्चित ही उन लेखाविद्वानों तथा बुद्धिजीवियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी जो इस प्राचीन विषय का विशेष अध्ययन करना चाहते हैं|
अंकेक्षण:सिधांत एवं व्यवहार
Audit: Principles And Practices (Hindi)
₹225.00
ISBN | 9788179062449 |
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Name of Authors | Vineet Chouhan |
Name of Authors (Hindi) | विनीत चौहान |
Edition | 1st |
Book Type | Paper Back |
Year | 2011 |
Pages | 463 |
Language | Hindi |
University | MLSU |
Branch | Commerce |
Stream | M.Com. |
प्रस्तुत पुस्तक के लेखक डॉ. विनीत चौहान, वाणिज्य उपस्नात्क तथा पीएच.डी. योग्यताधारी हैं, सात ही आपको राजस्थान एवं गुजरात के विश्वविद्यालयों तथा सम्बंद्ध कॉलेजों में अध्यापन का सात वर्षों का अध्यापन अनुभव भी है| आप विश्वविद्यालय स्तर की अन्य चार पुस्तकों में लेखक तथा एक में सह लेखक भी हैं| अपने राजस्थान पीएससी से स्लेट की परीक्षा पास करने के अलावा दो फेकल्टी मेनेजमेन्ट प्रोग्राम भी स्लेट की परीक्षा पास करने के अलावा दो फेकल्टी मेनेजमेन्ट प्रोग्राम भी किये हैं| आप वर्तमान में स्कूल ऑफ मेनेजमेन्ट, सर पदमपद सिंघानिया विश्वविद्यालय, उदयपुर, राजस्थान में कार्यरत हैं| अपने अपने नेतृत्व में अब तक तीन सेमिनारों का सफलतापूर्वक आयोजन किया है, सात ही कई राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय सेमीनारों में अपने शोधपत्रों को भी प्रस्तुत किया है| अपने द्वारा कई राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्रों का प्रकाशन भी करवाया गया है|
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