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संस्कृत शिक्षण में नवीन आयाम टास्क (क्रिया) आधारित उपागम

New Dimension Task (Verb) Approach In Sanskrit Teaching (Hindi)

75.00

ISBN: 9788179065426
Categories:,
ISBN 9788179065426
Name of Authors Dr. B.L. Shrimali
Name of Authors (Hindi) डॉ. बी.एल. श्रीमाली
Edition 1st
Book Type Paper Back
Year 2015
Pages 146
Language Hindi

सामान्यत : भाषा शिक्षण का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में भाषायी कौशालों (श्रवण, पठन, भाषण एवं लेखन) का विकास करना है| भाषा विज्ञान, शिक्षण विज्ञान एवं तकनीकी विज्ञान के क्षेत्र में हुए आधुनिक शोध कार्यो ने शिक्षा के विभिन्न आयामों को प्रभावित किया है| अनेक नवीन विचारों का संस्कृत भाषा अधिगम एवं शिक्षण पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है| समय - समय पर संस्कृत भाषा शिक्षण को अधिक प्रभावी बनाने के कई प्रयास हुए है| उसी क्रम में 'क्रिया (टास्क) आधारित उपागम (Task Based Approach) भाषा शिक्षण के क्षेत्र में एक नवीन उपागम के रूप में उभरकर कर सामने आया है जो छात्रों में ज्ञान के सृजन एवं उनमें भाषायी कौशालों के विकास करने में सक्षम एवं समर्थ अनुभूत होता है| प्रस्तुत पुस्तक में संस्कृत भाषा शिक्षण की ऐतिहासिक स्थिति के साथ-साथ वर्तमान की संस्कृत शिक्षण की स्थिति पर प्रकाश डाला गया है| जिसमें भाषा शिक्षण की वर्तमान में प्रचलित शिक्षण विधियों एवं उपागमों के माध्यम से भाषायी कौशलो के विकास की चर्चा की गई है| साथ ही भाषायी कौशालों के विकास में 'क्रिया आधारित उपागम' (Task Based Approach) की शिक्षा प्रक्रिया का वर्णन किया गया है| प्रस्तुत पुस्तक संस्कत के शिक्षण प्रशिक्षकों, संस्कृत शिक्षकों, पठयक्रम निर्माण करने वाले शैक्षिक अभिकारणों (SIERT, NCERT) के लिए उपयोगी सिद्ध होगी|

डॉ.बी.एल.श्रीमाली का जन्म 6 जून 1976 को झीलों की नगरी उदयपुर में हुआ| आपकी शैक्षिक एवं प्रशैक्षिकयोग्यता एम.ए. (संस्कृत एवं हिन्दी साहित्य), एम.एड. (अध्यापक शिक्षा), नेट (संस्कृत). पीएच.डी. (शिक्षा) है| आपकी विघालय शिक्षा उदयपुर में हुई एवं विश्वविद्यालय शिक्षा मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर से हुई| वर्तमान में आप जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, उदयपुर के शिक्षा संकाय के अन्तर्गत लोकमान्य तिलक शिक्षा प्रशिशन महाविद्यालय (सी.टी.ई.) डबोक में सहायक आचार्य (शिक्षा) पद पर कार्यरत है| आप शिशक - शिक्षा के शेत्र में विगत 15 वर्षो से कार्य कर रहे है| डॉ. श्रीमाली ने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा आयोजित बी.ए. आनर्स परिक्षा 1996 में सर्वोच्च अंक प्राप्त किए| एतदर्थ आपको विश्वविद्यालय ने स्वर्ण पदक (Gold Medal) प्रदान कर सम्मानित किया है| इन्हें अखिल भारत ब्राह्मण महासभा द्वारा भी उभरती प्रतिभा के रूप में सम्मानित किया गया| आपने विद्यालय एवं विश्वविद्यालय स्तर पर अनेक साहित्यिक गतिविधियों में भाग लेकर सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर अनेक प्रशंसा प्रमाण - पत्र एवं पुरस्कार भी प्राप्त किए| आप वर्तमान में शेक्षिक सम्मेलनों एवं कार्यशालाओं में सक्रिय भाग लेते रहते है| अब तक इनके 27 शैक्षिक आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके है| डॉ.श्रीमाली सेवापूर्ण प्रशिक्षण के साथ-साथ सेवारत प्रशिक्षण के क्षेत्र में भी संस्कृत भाषा शिक्षण के अन्तगर्त कार्य रहे है| मानव संसाधन विकास मंत्रालय (M.H.R.D.) भारत सरकार द्वारा प्रायोजित प्रयोजनाओं आई.ए.एस.ई. एवं सी.टी.ई. के अन्तर्गत भी आप संस्कृत भाषा शिक्षण में विषय - वस्तु आधारित एवं नवाचार आधारित व्याख्यान देकर संस्कृत भाषा को सहज, सरल, सुबोध एवं रुचिकर बनाने हेतु प्रयासरत रहते है|

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