प्रकृति के शाश्वत मूल्य हम भारत जन के लिए आदि काल से प्राण और मेरुदण्ड स्वरुप है| इनका अभ्यास जीवनदायी है| इन्हें अपनाने से हमारे गुणधर्म में सहजता व् उदारता का स्पंदन जागृत होता है| यह ऊर्जा का सूक्ष्म प्रवाह भी है जो अक्षरों के वाद-प्रतिवाद-संवाद की शक्ति से प्रकृति, संक्राति एवं जागृति में स्वतः गतिमान रहा है| ऐसे पथगामी बनकर हम समाज के इकाई व्यक्ति में सहकार, सहयोग व समन्वय की विविध अनुकुलताएँ निर्मित करते हैं| यह क्रम चतुर्दिक मानसिक देशाटान भी सहज करा देता है जो निःशब्दता के दायरे से बाहर निकलने में प्रवाहमान है| इसमे बहते रहने से कुछ ना कुछ नवस्वरूप भाव उदघाटित होते रहते हैं| इस प्रवाह में जनजाति प्रकृति संस्कृति एवं जागृति के प्रवाह में बहते कीच मोती "प्रकृति के स्वर" रूप में आप सभी को समर्पित है|
प्रकृति के स्वर
Nature voice (Hindi)
₹150.00
ISBN | 9788179068847 |
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Name of Authors | Dr. Rajni P Rawat, Dr. Mannalal Rawat |
Name of Authors (Hindi) | डॉ. रजनी पी. रावत , डॉ. मन्नालाल रावत |
Edition | 1st |
Book Type | Paper Back |
Year | 2021 |
Pages | 117 |
डॉ. रजनी पी. रावत, 'जनजाति महिलाओं के सामाजिक - सांस्कृतिक परिवर्तन', विषय पर पीएच. डी. उपाधि धारक है| 'अनुसूचित क्षेत्र में संवैधानिक प्रावधान' ग्रन्थ आपकी प्रथम कृति है| आप विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के एक वृहत शोध प्रबन्ध में प्रोजेक्ट फेलो रही है| शोध एवं शेक्षणिक उपलब्धियों के लिए आप राज्य सरकार व मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय से सम्मानित हो चुकी है| आपके कई आलेख एवं कविताएँ अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय व् राज्य की कई पात्र=पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं| डॉ. मन्नालाल रावत, राजस्थान में राज्य सेवा के वरिष्ट अधिकारी है| 'लोकनीति में जनजाति भागीदारी' विषय पर आपने पीएच.डी. उपाधि अर्जित की है| राज्य सरकार की योजनाओं के तहत प्रकाशित 'लोकनीति एवं जनजातियाँ' ग्रन्थ के लेखक है| हिन्दी विभाग, मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित 'आधिवासी समाज, संस्कृति और साहित्य तथा श्री मेवाड़-वागड़-मालवा जनजाति विकास संस्थान, उदयपुर द्वारा प्रकाशित 'उड़न एक प्रेरणा; के सम्पादक रहे है| राजकीय कार्य में उत्कृष्टता एवं शोष कार्य के लिए आप राज्य सरकार एवं मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय से सम्मानित हुए है| आपके कई आलेख अन्तराष्ट्रीय राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पात्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके है|
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