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औषधीय कृषि एवं कृषि विकास

Medicinal Agriculture And Agricultural Development (Hindi)

595.00

ISBN: 9788179065556
Categories:
ISBN 9788179065556
Name of Authors Dr. Abhishak Saraswati
Name of Authors (Hindi) डॉ. अभिषक सरस्वती
Edition 1st
Book Type Hard Back
Year 2018
Pages 113
Language Hindi

हमारे पेड़ पौधे प्रकृति ला अमूल्य वरदान है मनुष्य का पूरा जीवन प्रकृति द्वारा प्रदत्त पेड़ पौधों पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से निर्भर रहता है| पेड़ पौधों के महत्त्व के संबंध में यह कहा जा सकता है की इनके समाप्त होते ही मानव जीवन का अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा| पेड़ पौधों ने मानव को बहुत कुछ दिया है - स्वादिष्ट पौष्टिक फल, पत्तियों के रूप में जलाऊ लकड़ी आदि सबकुछ इन्ही की दें है| इन सबके साथ ही पेड़ पौधों की एक अनमोल देन बझी है- औषधियाँ | विश्व के लगभग सभी पेड़ पौधों में विभिन्न प्रकार के रोगों को दूर करने वाले औषधिय गुण होते हैं यही कारण है की देशी, आयुर्वेदिक, यूनानी सभी चिकित्सा पद्धतियों में पेड़ पौधों का किसी न किसी रूप से प्रयोग किया जाता है| भारतीय चिकित्सा भी विभिन्न प्रकार के साधारण से लेकर असाध्य रोगों तक की चिकित्सा के लिए सदियों से इन्ही पर निर्भर रहे है| प्रस्तुत पुस्तक में इन्ही पेड़ पौधों केऔषधीय महत्त्व के साथ - साथ इनकी कृषि तकनीक, अनुकूल जलवायु, औषधीय प्राप्ति हेतु स्थान, व्यावसायिक उपयोग एवं जिला ग्वालियर में इनका कृषि रूप में विकास का विश्लेषण किया गया है| यह पुस्तक ण केवल भूगोलविदों के लिए उपयोगी है वरन प्रशासकों, नियोजकों, समाजशास्त्रियों एवं शोधकर्ताओं के लिए भी आधार ग्रन्थ के रूप में उपयोगी होगी| इसके अतिरिक्त वे सभी लोग जो इस क्षेत्र में अभिरुचि रखते हैं, इससे लभान्वित होगें|

डॉ. अभिषेक सारस्वत (जन्म: 1989) ने भूगोल (2011) विषय में स्नातकोत्तर तथा पी-एच.डी. (2015) की उपाधियों जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर से प्राप्त की है| आपको स्नातकोत्तर स्तर पर विश्वविद्यालय द्वारा भूगोल विषय में प्रथम स्थान एवं विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान संकाय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर मध्यप्रदेश राज्यपाल द्वारा स्वर्णपदक प्रदान किया गया है| आपके 10 से अधिक शोध पात्र विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति की पुस्तकों व् शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं| इसके सात ही आप अपने विद्यार्थी काल में महाविद्यालय की नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन) समिति तथा रैगिंग निराधक समिति में बतौर सदस्य रूप कार्य किया एवं कर रहे हैं| डॉ.सारस्वत वर्तमान में महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय, ग्वालियर (नैक ग्रेड) में पर्यावरण अध्ययन विषय के शिक्षक के पद कार्य कर रहे है| डॉ. शैलेन्द्र सिंह तोमर (जन्म: 1960) ने भूगोल (1981) व् समाजशास्त्र (1984) विषय में स्नातकोत्तर तथा भूगोल विषय में पी-एच.डी (1987) की उपाधियाँ जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर से प्राप्त की है| डॉ. तोमर पिछले 30 वर्ष से स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं का अध्यापन कार्य कर रहे है| आपके 40 से अधिक ली पुस्ताकों व् पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके है| आपकी 3 पुस्तकें वर्तमान में प्रकाशित हो चुकी है| 50 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शोध संगोष्टियों में अपने शोध-पत्रों का वचन/ की नोट एड्रेस/तकनीकी सत्रों का संचालन किया है| आप अनेक भौगोलिक शोध समितियों के आजीवन सदस्य हैं| आपके निर्देशन में 18 शोधार्थी पी-एच.डी. उपाधि प्राप्त कर चुके है तथा अनेक विद्यार्थी शोध कार्य में सलंग्न है| इसके सात ही आप अनेक विश्वविद्यालय एवं स्वशासी महाविद्यालयों में अध्ययन मण्डल के अध्यक्ष एवं विषय विशेषज्ञ जे रूप में कार्य कर चुके है एवं कर रहे है| डॉ. तोमर वर्तमान में मद्यप्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में भूगोल विषय के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष के पद पर शाश्कीय महाविद्यालय राधोगढ़ (गुना) में कार्य कर रहे हैं|

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