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भारतीय पारम्परिक व्यंजन (उघमिता विकास हेतु मूल्यवर्धित विधियाँ

Indian Traditional Foods (Value Added Recipes for Entrepreneurship Development) (Hindi)

325.00

ISBN: 9788179068014
Categories:
ISBN 9788179068014
Name of Authors Dr. Prachi Avinash, Dr. Kusum Mittal
Name of Authors (Hindi) डॉ. प्राची अविनाश , डॉ. कुसुम मित्तल
Edition 1st
Book Type Paper Back
Year 2019
Pages 167
Language Hindi

भारतीय पारम्परिक व्यंजन – उद्यमता विकास हेतु मूल्यवर्धित विधियाँ’ एक ऐसी साहित्यिक रचना है जिसमे भारतीय पारम्परिक व्यंजन विधियों को मूल्यवर्धित और नवीकृत किया गया है, जो उद्यमिता विकास हेतु गृह उद्योग में उत्पादन करने की द्रष्टि से प्रस्तुत है| पुस्तक में भारतीय पारम्परिक व्यंजनों, गृह उद्योग, पैकेजिंग, रसोईघर की सुविधा एवं सफाई, पकाने का सही तरीका, कुछ उपयोगी बातें और माप की जानकारी: तथा नमकीन नाश्तों, मीठे व्यंजनों, संरक्षित व्यंजनों और मसालों की विधियों का विशिष्ट विवरण है| व्यंजन संबंधी चित्र इस पुस्तक को रुचिकर बनाते हैं| इस रचना की उपयोगिता गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सेवी संस्थाओं, महिला कौशल प्रशिक्षकों, महिला सशक्तिकरण मार्ग दर्शकों, समाज सेवाकों, पाक कला विद्यार्थियों, गृह विज्ञान विद्यार्थियों, महिलाओं, गृहिणियों, एवं रूचि रखने वाले सभी पाठकों के लिए है| बाजार में उपलब्ध अन्य पाक कला और व्यंजन विधियों पर आधारित पुस्तकों से भिन्न, एक महत्वपूर्ण परिसंपत्ति सिद्ध होगी|

डॉ. प्राची अविनाश, फूड एवं न्यूट्रिशन में पीएच.डी., एम.एससी., पी.जी. डिप्लोमा हैं| वर्तमान में उन्हें पोषण के क्षेत्र में उनके शोध कार्य के लिए यूजीसी भारत द्वारा डॉ. एस. राधाकृष्णन पोस्ट डॉक्टरल फैलोशिप से सम्मानित किया गया है| वे खाद्य प्राधिकरण भारत द्वारा घर पर सुरक्षित और पौष्टिक भोजन के लिए मास्टर ट्रेनर भी हैं| इससे पहले, उन्हें युनिसेफ राजस्थान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (राजस्थान सरकार) और अन्य के सात शिक्षण, अनुसंधान और प्रसार में १० से अधिक वर्षो का अनुभव है| उनके नाम पर कई प्रकाशन हैं, जिनमे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में शोध पत्र, एक पुस्तक, पुस्तक में अध्याय, तकनीकी और लोकप्रिय लेख, पुस्तकाएं और ५० से अधिक प्रसार प्रकाशन शामिल हैं| लेखिका को कई सम्मान एवं पुरुस्कार प्राप्त हुए हैं जिनसे सर्वश्रेष्ट अनुसंधानकर्ता पुरस्कार २०१८, नवीन खाद्य पदार्थों के लिए सर्वश्रेष्ठ स्टाल डिस्प्ले अवार्ड, एमएसएमई-डीआई राजस्थान सरकार, पेपर प्रस्तुतियों और शैक्षिक पुरुस्कार शामिल हैं| वे फलों और सब्जिओ के संरक्षण, बेकरी और कन्फेक्शनरी (नीदरलैंसड ) और अन्य अपर प्रशिक्षित हैं| वे प्रसिद्ध समितियों एवं संगठनो की सक्रिय सदस्या हैं| एक शैकिया सामाजिक कार्यकर्त्ता होते हुए उन्होंने गांव की महिलाओं को प्रशिक्षण दिए है और अब तक ४००- से अधिक लाभार्थियों को स्वास्थ एवं पोषण संबंधी जागरूकता व्याख्यान दिए हैं| डॉ. कुसुम मित्तल, एम.एससी., गृह विज्ञान, एक्सटेंशन एजुकेशन और पीएच.डी. एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एजुकेशन हैं| वे वर्तमान में प्रभारी, गृह विज्ञान विभाग, मीरा कन्या महाविद्यालय, उदयपुर के पद पर कार्यरत हैं और सात ही मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय, उदयपुर की गृह विज्ञान प्रभारी हैं| उनका ३० वर्षों का स्नातक एवं स्नातकोत्तर शिक्षण का अनुभव है और वर्तमान में पीएचडी और (यूजीसी) फेलो उनके सक्षम मार्गदर्शन में शोध कर रहे हैं| उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में कई शोध पत्र, राजस्थान बोर्ड कक्षा बहरावी गृह विज्ञान विषय की पुस्तक में अध्याय और विस्तार प्रकाशन प्रकाशित लिए हैं| वे कई प्रसिद्ध समितियों एवं संगठनो की सदस्या हैं और यूनिसेफ और यूजीसी द्वारा पोषित परियोजनाओं में अनुभव रखती हैं|

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