पर्यावरण हमारे जीवन के लिए अति आवश्यक तत्त्व है, परन्तु वर्तमान में प्रदुषण के बढ़ते जहर के कारन स्वच्छ पर्यावरण की खोज में वैज्ञानिकी, अभियन्ताओं, योजनाकारों एवं नीतिनिर्धारकों के साथ – साथ आम व्यक्ति भी इसके लिए सचेत है| वर्तमान में यह अहम् आवश्यकता हो गई है की प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण का ज्ञान होना चाहिए| पर्यावरण एवं प्रदुषण आज हमारे देश के लिए ही नहीं अपितु समस्त विश्व के लिए भयंकर समस्या हो गई है, जिसकी पकड़ में विकसित एवं विकासशील दोनों ही देश है| पर्यावरण जागरण के महत्त्व को मध्य नजर रखकर यह पुस्तक तकनीकी द्रष्टिकोण में समुचित जानकारी उपलब्ध करने हेतु लिखी गई है| प्रस्तुत पुस्तक तकनीकी संस्थाओं के छात्रों, विज्ञान छात्रों, पर्यावरण में रूचि रखने वाले व्यक्तियों, निति निर्धारकों, प्रबंधकों एवं योजनाकारों को पर्यावरण सम्बन्धित ज्ञान प्रदान हेतु उपयोगी सिद्धहोगी| इस पुस्तक में पर्यावरण तथा पर्यावरण प्रदुषण के विभिन्न घटकों, जल, वायु, भूमि, नाभिकीय, शोर एवं अन्य प्रकृति संसाधन के गुण तथा इससे सम्बन्धित प्रदुषण, उसके कारन एवं प्रभाव, उनकेत रोकथाम आदि को विस्तार से समझाया गया है| साथ ही विश्वव्यापी समस्या जैसे मरुथस्लीकरण, ग्रीन हाउस प्रभाव, ओजोन परत में छेद, अम्लीय वर्षा तथा वर्तमान में हुई पर्यावरण दुर्घटना जैसे भोपाल गैस कांड आदि को भी सम्मलित किया गया है| पर्यावरण प्रबन्ध एवं इससे सम्बन्धित अधिनियमों का भी पुस्तक में समावेश किया गया है|
पर्यावरण बोध
Environmental Awareness (Hindi)
₹595.00
ISBN | 8186231013 |
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Name of Authors | A.N. Mathur, N.S. Rathour, V.K. Vijay |
Name of Authors (Hindi) | ए. एन. माथुर, एन.एस.राठौर, वी. के. विजय |
Edition | 1st |
Book Type | Hard Back |
Year | 1995 |
Pages | 156 |
Language | Hindi |
प्रो.ए.एन.माथुर: वर्तमान में प्रो. ए.एन माथुर, नवीकरण ऊर्जा केन्द्र, प्रौद्योगिकी एवं कृषि अभियान्त्रिकी महाविद्यालय उदयपुर में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत है| आपने जोधपुर विश्वविद्यालय से बी.ई, एवं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर से एम.टेक. की उपाधि प्राप्त की है| आप ऊर्जा, पर्यावरण एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में लगभग १०० शोध पात्र एवं ११ पुस्तकें लिख चुके हैं| तकनीकी संस्थाओं के विद्यार्थियों के लिए अपने “अपारम्परिक ऊर्जा स्त्रोत” – सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक” नमक पुस्तक भी लिखी है| प्रो. माथुर देश विदेश के कई विश्व विद्यालयों में पात्र वाचन हेतु आमन्त्रित किए जा चुके हैं|
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