प्रस्तुत पुस्तक “जनजाति युवा और मानवाधिकार” दक्षिणी राजस्थान के जनजाति बहुल क्षेत्रो में जनजाति समाज के युवा वर्ग में मानवाधिकारों की जागरूकता व उसकी स्थिति से सम्बन्धित है| प्रस्तुत पुस्तक में प्राथमिक तथ्यों के संकलन से यह जानने का प्रयास किया है की वर्तमान में मानवाधिकार की समस्याएं कीं रूपों में स्थित है? जनजाति समाज का युवा मानवाधिकार के सम्बन्ध में क्या और कितनी जानकारी रखता है| वैयक्तिक अध्ययनों के द्वारा मानवाधिकार हनन के स्वरूपों को स्पष्ट किया गया है| जनजाति समाज की विभिन्न प्रथाओं के प्रति युवा वर्ग का द्रष्टिकोण क्या है| इन्ही संदर्भो को व्यवहारिक द्रष्टि से इस पुस्तक में प्रस्तुत किया गया है अवन यह जानने का प्रयास किया गया है कि विभिन्न सरकारी योजनाएं, स्वय सेवी संस्थाएं एवं संविधान में वर्णित नियम व कानून मानवाधिकार हनन की घटनाओं को रोकने में कितना सफल हो पाये हैं और इनकी अफसलता के क्या कारण है| इस प्रकार यह पुस्तक जनजाति वर्ग को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने व अपने मानवाधिकारों के प्रति सजग करने में सहायक है|
जनजाति युवा और मानवाधिकार
Tribe Youth And Human Rights (Hindi)
₹695.00
ISBN | 9788179067840 |
---|---|
Name of Authors | Priyanka Chobisa |
Name of Authors (Hindi) | प्रियंका चौबीसा |
Edition | 1st |
Book Type | Hard Back |
Year | 2019 |
Pages | 195 |
डॉ. प्रियंका चौबीसा गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाडा द्वारा सम्बंद्धता प्राप्त दिशा डिग्री कॉलेज, डूंगरपुर में प्राचार्य पद पर नियुक्त है, स्थ ही महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष भी है| इन्होने मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय उदयपुर से स्नातकोत्तर एवं ‘जनजाति युवा व मानवाधिकार’ विषय पर पी एच.डी. की उपाधि प्राप्त की है साथ ही सुखाडिया विश्वविद्यालय से एम.फिल, की उपाधि भी प्राप्त की है| डॉ. चौबीसा के कुछ शोध, पत्र राष्ट्रिय व अन्तर्राष्ट्रीय पत्र – पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं| अपने स्नातकोत्तर के दौरान ‘डूंगरपुर नगर के जनजाति समाज में मानवाधिकार (एक समाजशास्त्रिय अध्ययन)’ विषय पर लघु शोध प्रबन्ध भी लिखा है| डॉ.चौबीसा की अनुसंधान रूचि जनजाति क्षेत्र में मानवाधिकार व जनजाति मान्यताओं पर आधारित शोषण पर ध्यान आकर्षित करने में हैं| आपने इसी विषय पर अधिकृत अनुसंधान कार्य भी पूर्ण किया है| महाविद्यालय स्तर पर ११ वर्षो के समाजशास्त्र विषय अध्यापन अनुभव के साथ वर्तमान में आप महाविद्यालय के प्रशासकीय संचालन के साथ रूचि संदर्भित शोध पत्रों के रचानाकार्य का संपादन भी कर रही है|
Reviews
There are no reviews yet.