उघानिकी फसलें हमारे देश की कृषि विकास में अहम् भूमिका रखती है| विद्यार्थियों व कृषकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लेखकों ने उघनिकी फसलों की खेती नामक पुस्तक का लेखन किया है जिसे चार खण्डों में विभक्त किया गया है| प्रथम खण्ड में फलों की खेती, द्वितीय खण्ड में फूलों की खेती, तृतीय खण्ड में सब्जियों की खेती तथा चतुर्थ खण्ड में मसाला फसलों की खेती का वर्णन किया है जो काफी ज्ञानवर्धक है| यह पुस्तक कृषकों, प्रसार कार्यकर्ताओं, छात्र - छात्राओं के लिए उपयोगी है| इस पुस्तक में सभी नवीनतम तकनीकियों का समावेश है|
उघानी फसलों की खेती
Cultivation Of Growing Crops (Hindi)
₹995.00
ISBN | 9788179066508 |
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Name of Authors | Dr. Devendra Kumar Singh, Dr. S. K. Trivedi, Dr. Banvari Lal Nagar |
Name of Authors (Hindi) | डॉ. देवेन्द्र कुमार सिंह, डॉ. एस. के. त्रिवेदी, डॉ. बनवारी लाल नागर |
Edition | 1st |
Book Type | Hard Back |
Year | 2017 |
Pages | 210 |
Language | Hindi |
डॉ. देवेन्द्र कुमार सिंह वर्तमान में प्रोफ़ेसर (उघान विभाग) कृषि विज्ञान केन्द्र अन्ता (बारा) में कार्यरत है| डॉ. सिंह ने हिन्दी में 100 से अधिक कृषि आलेख 50 से अधिक कृषि शोध लेख, 100 से अधिक दूरदर्शन व आकाशवाणी वार्ता, 5 तकनीक बुलेटिन व 5 फोल्डर के माध्यम से कृषि की नई नई तकनीकों को कोसनों, ग्रामीण युवाओं व कृषि छात्रों तक पहुचाने का प्रयास किया है| इनके प्रयासों के फलस्वप डॉ.सिंह को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौघोगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा वर्ष 2013 में श्रेष्ठ कर्कर्ता तथा वर्ष 2001 में राजस्थान के मुख्यमंत्री माननीय अशोक गहलोत द्वारा कृषि लेखक सम्मान से सम्मानित किया गया| इसके अलावा डॉ. सिंह को श्रेष्ठ प्रसार कार्यकर्त्ता तथा जंगली पौध रोपण व बचाव के रूप में भी सम्मानित किया गया| कृषि सेवा परमों धर्म: डॉ.सिंह का मूलमंत्र है| डॉ.एस . के. त्रिवेदी वर्तमान में प्रोफेशोर (उघान विभाग) कृषि अनुसंधान केंद्र, कोटा में कार्यरत है| डॉ. त्रिवेदी ने आलू फसल के अंतर्गत गहन अनुसंधान करके कृषि अनुसंधान केन्द्र कोटा को वर्ष 2011 में पुरस्कार हेतु चयन किया गया|
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